आशा है कि आप सबने Session 1 के प्रेजेंटेशन का अध्ययन किया होगा । प्रथम तीन भाव के बारे में उसमें विस्तार से बताया गया है । हालांकि इन तीन भावों पर अभी हम चर्चा करते रहेंगे ताकि भावों को लेकर आपके मानस में स्पष्टता बन सके कि आखिर किस भाव से हम क्या जानने की कोशिश कर सकते हैं ।
जन्म कुंडली का प्रथम भाव
जातक का रुप, रंग, कद, काठी किस प्रकार की होगी ।
उसका स्वभाव और विचारधारा किस प्रकार की होगी ।
स्वास्थ्य कैसा रहेगा ।
व्यक्तित्व कैसा रहेगा ।
अपने कार्यों, विचारों तथा भावनाओं से किस प्रकार का व्यक्तित्व बन सकेगा ।
यह सब प्रथम भाव से ही स्पष्ट होता है ।