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कुंडली का द्वितीय भाव


यह भाव व्यक्ति के बैंक बेलेंस से या उपार्जित संपत्ति से संबंधित है ।


इसी भाव से व्यक्ति के स्टेटस को जाना जाता है ।


जीवन में जातक आर्थिक दृष्टि से कितना ऊंचा उठ सकेगा और जीवन में कितनी प्रगति कर सकेगा ।


द्वितीय भाव से ही यह देखा जाता है कि क्या इस व्यक्ति के जीवन में कोई दुर्घटना है, है तो किस प्रकार की है । दुर्घटना होगी तो किसी स्थायी वस्तु से या वाहन से होगी, आदि बातों का ज्ञान इसी भाव से किया जाता है ।


दूसरे भाव से बीमारी तथा मृत्यु के समय व्यक्ति को कौन सी बीमारी होगी आदि का विचार किया जाता है । इसीलिए इस भाव को मारकेश भाव भी कहा जाता है ।

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सदगुरुदेव महाराज के आशीर्वाद और उनकी प्रेरणा से अष्टक वर्ग ज...
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