आमतौर पर किसी भी व्यक्ति के स्वभाव के बारे में जान पाना अत्यंत ही दुष्कर कार्य होता है । कई बार लोग छुपे रुस्तम निकल आते हैं और बनावटी स्वभाव के माध्यम से लोगों का दिल जीत लेते हैं लेकिन समय आने पर धोखा देने से पीछे नहीं हटते । ऐसी परिस्थितियां आती ही इस कारण हैं क्योंकि हम व्यक्ति के केवल (वर्तमान) व्यवहार को ही देख पाते हैं, और वास्तविकता को जानने का हमारे पास कोई तरीका ही नहीं होता है ।
यही चीज विवाह में, नौकरी में, व्यवसाय में साझेदारी में, मित्रता में और यहां तक कि प्रेम में भी होती है ।
एक कारण ये भी है कि हमें हमारे व्यावहारिक ज्ञान और अनुभव पर इतना अधिक भरोसा होता है कि हम उसके आधार पर ही भविष्य की परिकल्पना भी कर लेते हैं और उसे सच मानकर उसमें अपना सब कुछ झोंक देते हैं । यहां ये सब कहने का तात्पर्य ये नहीं है कि जो कुछ परिकल्पना आपने की, वह सब झूठ है बल्कि यहां ज्योतिष के नजरिये से भी चीजों को देखने का परामर्श दिया जाता है ।
और, नजरिये से मतलब केवल इतना है कि जो हमारा अभीष्ट है, फिर चाहे वह नौकरी की बात हो, व्यवसाय में साझेदारी की या फिर प्रेम की, हमें ज्योतिष के नजरिये से केवल इतना देखना है कि क्या यही चीज हमारे लिए भविष्य में भी अनुकूल रहेगी या नहीं । अगर हम जान जायें कि फलां चीज हमारे अनुकूल नहीं रहेगी और अगर परिस्थितिवश उस कार्य को करना भी पड़ जाए, तो कम से कम हम किसी को दोष तो नहीं देंगे । सही मायनों में हम मानसिक रूप से उस परिस्थिति विशेष के लिए स्वयं को वर्षों पहले ही तैयार कर सकते हैं, तो जब वह घटना होगी तो आप तो जानते ही हैं कि यह तो होना ही था, इंतजार तो बस यही था कि जब तक चले, तब तक चला लेना है ।
हालांकि हम कुछ भी ज्योतिषीय अनुमान लगायें, उससे पहले हमें राशियों से संबंधित विभिन्न तथ्यों का गंभीरता पूर्वक अध्ययन करना चाहिए । नहीं तो अधकचरे ज्ञान के आधार पर हम गलत अनुमान भी लगा सकते हैं ।
पिछली पोस्ट में हमने राशि और उनके स्वामी की चर्चा की थी। इस पोस्ट में हम राशि स्वभाव की बात करेंगे ।
राशि व्यक्ति के व्यवहार, व्यक्तित्व, स्वास्थ्य, और गुण-दोष के बारे में जानकारी प्रदान करती है।
राशि के प्रभाव से व्यक्ति के अंदर गुण और दोष दिखाई देते हैं। आइए जानते हैं आपकी राशि के अनुसार आपका स्वभाव, व्यक्तित्व, स्वास्थ्य, और गुण-दोष:
मेष (Aries): मेष राशि का स्वामी मंगल होता है। मंगल ग्रह जीवन में पराक्रम और उत्साह का कारक होता है यही कारण है कि मेष राशि के जातक जल्दी क्रोधित होते हैं, पर जल्दी मान भी जाते हैं। द्विस्वभाव राशि होने पर इनका मन चलायमान रहता है जो इनके निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित करता है । मेष राशि के जातक किसी भी काम को करने या करवाने और प्रबंधन का कार्य करने में सक्षम होते हैं। उनकी नेतृत्व क्षमता बहुत अच्छी होती है और वे जीवन में स्वयं अपना रास्ता तय करते हैं। मेष राशि के जातकों का स्वास्थ्य अच्छा होता है, लेकिन उन्हें अपच और स्नायु संबंधी विकारों का भी ध्यान रखना चाहिए।
वृषभ (Taurus): राशि क्रम में दूसरे नंबर की राशि वृष है जिसका चिन्ह ही बैल का है । वृषभ राशि स्वभाव से ही परिश्रमी, सहनशील और धैर्यवान है। उनका स्वभाव ठंडा होता है लेकिन क्रोध आने पर उग्र रूप धारण कर लेते हैं । वस्तुओं का सही तोल-मोल करते हैं, पर निर्णय लेने की क्षमता कम होती है। ये दूसरों पर निर्भर रहकर कार्य करते हैं लेकिन अपनी दिमागी क्षमता को भली-भांति जानते हैं। वृषभ राशि के जातक अपनी दिनचर्या में किस तरह का परिवर्तन पसंद नहीं करते हैं। ये स्वभाविक रूप से अंतर्मुखी और बहुत विश्वसनीय होते हैं। ये वे लोग होते हैं जिन पर आप मदद के लिए भरोसा कर सकते हैं। सुरक्षा और प्रतिबद्धता इनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होती है। वृषभ राशि के जातक अपने साथी को स्वतंत्रता देने के लिए इच्छुक नहीं होते हैं। ये लोग छोटी-छोटी इच्छा पूरी होने की ख्वाहिश रखते हैं। वृषभ राशि के लोग बुरे वक्त में गंदी आदतों में आसानी से फंस जाते हैं। ये लोग पेशे से बिल्डर और निवेशक आदि होते हैं।
मिथुन (Gemini): मिथुन राशि के जातक काफी फुर्तीले और आकर्षक होते हैं। इनके राशि स्वामी बुध हैं, जिसके प्रभाव के कारण इनकी बौद्धिक क्षमता मजबूत होती है और इसी कारण वे तमाम भौतिक सुख प्राप्त करने में सक्षम होते हैं। इनका राशि चिन्ह जुड़वां होता है, जो इनके द्विस्वभाव को प्रदर्शित करता है। इनका व्यवहार बहुत ही मिलनसार होता है। मिथुन राशि के जातक प्रेम संबंधों में कोई भी चुनौती स्वीकार करने के लिए तैयार हो जाते हैं और कुछ रहस्यमयी कार्य करते हैं। ये एक क्षण में क्रोधित हो जाते हैं और दूसरे ही क्षण में शांत हो जाते हैं। मिथुन राशि के लोगों के द्वि स्वभाव की वजह से इन्हें समझना थोड़ा मुश्किल होता है फिर भी समाज में इन लोगों को बहुत पसंद किया जाता है। क्योंकि ये जानते हैं कि लोगों को कैसे खुश रखा जाता है। मिथुन राशि के जातक रोमांटिक किस्म के व्यक्ति होते हैं। बुध परिवर्तन और संचार का भी कारक है इसलिए मिथुन राशि के लोग की भाषा शैली अच्छी होती है और वे हर विषम परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं।
इन तमाम गुणों के साथ इनमें असंगतता, सनकीपन भी झलकने लगता है। दरअसल इनका दोहरा व्यवहार इनके लिये कई बार सकारात्मक तो कई बार नकारात्मक साबित होता है। एक ओर ये शांत व गंभीर होते हैं, तो दूसरी ओर मजाक उड़ाने में भी अधिक समय नहीं लगाते। दरअसल, संगत का रंग इन पर बहुत जल्दी चढ़ता है, बुरी संगत में ये बहुत बुरे हो जाते हैं, तो अच्छी संगत में अच्छे ।
कर्क (Cancer): चंद्रमा के स्वामित्व वाली कर्क राशि सबसे भाग्यशाली मानी जाती है । ये लोग कल्पना के धनी, भावनात्मक, संवेदनशील और परिवार के प्रति समर्पित होते हैं। उन्हें अपने घर और परिवार की चिंता होती है। कर्क राशि के जातक दृढ़-निश्चय वाले होते हैं। ये अपने चाहने वालों के लिए अति प्रेमी, विश्वास योग्य और उनकी परवाह करने वाले होते हैं। बदले में ऐसी ही उम्मीद इन्हें अपने साथी से रहती है। कर्क राशि के जातक अभिमानी होते हैं इसलिए ये अपने सिद्धांतों पर जीते हैं। हालाँकि इनका आंतरिक स्वभाव काफ़ी सौम्य होता है लेकिन बाहर से ये बेहद सख्त होते हैं। यदि किसी क्षेत्र में कर्क राशि के लोग थोड़ी मेहनत कर लें तो यह उस क्षेत्र में अपना परचम लहरा सकते हैं। इनकी याददाश्त शक्ति भी बहुत मजबूत होती है, लेकिन मितभाषी होने के कारण कभी-कभार ये कई ऐसे मौक़े गंवा देते हैं जिसमें ये बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।
सिंह (Leo): सिंह राशि के जातक उत्साही, स्वाधीनता पसंद और नेतृत्व क्षमताओं से युक्त होते हैं। वे अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए मेहनत करते हैं। ऐसे व्यक्तियों का व्यक्तित्व मजबूत, गर्वपूर्ण और साहसी बनता है। यह लोग जिम्मेदारी का आनंद लेते हैं और अक्सर इसे बहुत अधिक लेते हैं। उनके पास एक प्राकृतिक आकर्षण होता है और जनता की नजरों में आने का आनंद लेते हैं। इन लोगों को जीवन जीने में आनंद आता है, उच्च बुद्धि रखते हैं और एक से अधिक क्षेत्र में एक्सपर्ट हो सकते हैं । यदि आपके व्यवसाय में थिएटर, संगीत, पेंटिंग या साहित्य शामिल है, तो आप उसमें अपना बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। हालांकि सिंह राशि के जातकों को विलासिता का भी शौक होता है और जीवन में अच्छे अनुभव करने की क्षमता भी होती है ।
कन्या (Virgo): कन्या राशि के जातक विवेकी, सावधान और व्यवस्थापक होते हैं। उनमें विस्तार से विचार करने की क्षमता होती है लेकिन स्वभाव से संकोची और शर्मीले होते हैं और अपनी बातों को सबके सामने रखने में झिझकने वाले होते हैं । हालांकि धार्मिक विचारों में आस्था रखते हैं। इतना ही नहीं, वे अपने स्वास्थ्य को लेकर भी आशंकित रहते हैं। दूसरी ओर, वे खुद को शांत लोगों के साथ घेर लेते हैं। इन सबसे ऊपर, वे असावधान और विरोधी चरित्रों को सहन नहीं करते हैं। इस राशि के जातक में ये क्षमता होती है कि वे छोटी-छोटी बातों को लेकर राई का पहाड़ बना सकते हैं । स्वभाव से ये परफ़ेक्शनिस्ट, नकचड़े, आलोचक एवं रूढ़िवादी विचार के होते हैं लेकिन रिलेशनशिप के लिए ये लोग वफ़ादार साथी होते हैं। ये बहुत महत्वाकांक्षी होते हैं और दूसरों की हर छोटी से छोटी बात का ध्यान रखते हैं। इन लोगों में दिमाग की जगह दिल से काम करने की प्रवृत्ति होती है और वे अपने स्वास्थ्य को लेकर भी सजग रहते हैं। अनुशासन इन्हें पसंद होता है और यही आदत उनकी सफलता की बड़ी बजह बनती है।
तुला (Libra): इस राशि के जातक समान्यत: समझदार, समाजशास्त्री, और सामंजस्यप्रिय होते हैं। ये जातक अन्य राशियों के जातकों से ज़्यादा कूटनितिज्ञ होते हैं। ये अधिक सामाजिक, ख़ुश-मिजाज़ एवं आकर्षक व्यक्तित्व वाले भी होते हैं। हालाँकि फ़ैसला लेने में इन्हें थोड़ी दिक्कत होती है। ये अन्य राशि वाले जातकों से अधिक संवेदनशील होते हैं। इसके अलावा महंगी और बढ़ियाँ चीज़ों की ओर इनका झुकाव रहता है। बहसबाज़ी अथवा विचारों के द्वंद में ये ज़्यादा सहनशील नहीं होते हैं। रिलेशनशिप में ये अधिक रोमांटिक होते हैं। तुला राशि के जातक अच्छे लेखक, कंपोजर्स, डिज़ाइनर्स, इंटिरियर डेकोरेटर्स, समीक्षक, प्रशासक एवं वकील होते हैं। देखा जाए तो ये लोग नटखट होते हैं लेकिन रिलेशनशिप में स्थिरता एवं पारदर्शिता चाहते हैं। ये जातक अपने लव पार्टनर की भावनाओं की क़द्र करते हैं और प्यार में पूरी तरह खो जाते हैं। साथी के द्वारा जितना प्रेम इन्हें किया जाता है उसके बदले में ये उतना ही प्रेम अपने साथी से करते हैं। यदि तुला राशि के जातक कोई फ़ैसला करते हैं तो वह निर्णय अधिकतर सही होता है।
वृश्चिक (Scorpio): वृश्चिक राशि के लोग गहराई से सोचने वाले, रहस्यमय, अद्वितीय, सीरियस, निडर, जिद्दी, और तेज होते हैं। वृश्चिक राशि के जातक अपनी शर्तों पर जीवन जीते हैं और अपने भाग्य को खुद कंट्रोल करने में विश्वास रखते हैं। इनमें गोपनीयता या रहस्यों को अपने अंदर दबाए रखने की गजब की शक्ति होती है। वृश्चिक को इमोशनल और सेंसेटिव भी माना जाता है। वृश्चिक राशि के लोग दूसरों के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानने की जिज्ञासा रखते हैं। उनका पूरा फोकस जरूरी सवालों के जवाब खोजने पर होता है, उन्हें लाइफ के उन सीक्रेट्स को जानने में इंटरेस्ट होता है, जिन्हें जानना हर किसी के बस की बात नहीं होती है। वृश्चिक राशि के ज्यादातर लोगों के लिए उनकी जिज्ञासा ईंधन का काम करती है। इस राशि के जातक को जीवन में प्रतिक्रिया की बजाय क्रिया पर विश्वास रखना चाहिए।
धनु (Sagittarius): उत्साही, यात्रा के प्रेमी, और ज्ञान के खोजकर्ता होते हैं। धनु राशि के जातक प्रेम जीवन में आज़ाद ख़्याल के और बड़े दिल वाले होते हैं। इसके साथ इस राशि के जातक धार्मिक होने के साथ-साथ बुद्धिमान होते हैं। इनके मन और शरीर के बीच द्वंद की स्थिति बनी रहती है इसलिए ये दूसरों की सलाह लेते हैं। धनु राशि वाले जातकों का रोमांस की बजाय प्यार के प्रति आकर्षणपन बेहद उत्साहजनक होता है। इस राशि के जातक ईमानदार, सच्चे, विश्वास योग्य और समझदार होते हैं, हालाँकि वे इसके साथ-साथ अधिक ग़ुस्से वाले और आक्रामक भी होते हैं। प्रोफ़ेशन क्षेत्र में ये अच्छे अध्यापक एवं दार्शनिक होते हैं।
मकर (Capricorn): दृढ़, उद्यमी, और लक्ष्य के प्रति समर्पित होते हैं। मकर राशि वाले जातक गहरी सोच वाले होते हैं। इस राशि का स्वामी शनि है। धन एवं व्यापार के मामले में इस राशि के जातक बहुत सावधान रहते हैं। ये एक समय में कई कार्य करने में सक्षम होते हैं। ये मनोरंजन करने वाले और अच्छी यादाश्त के धनी के साथ-साथ अच्छे कहानीकार भी होते हैं। इस राशि की महिलाएँ अपने घर को व्यवस्थित रखती हैं। कभी-कभार इस राशि के जातक अपने स्वार्थ को आगे रखते हैं और इन्हें ख़ुद पर भरोसा भी नहीं होता है। इनकी वाचाल प्रवृति होती है और अपनी ज़िम्मेदारियों को भलिभांति समझते हैं। इसके अलावा, इस राशि वाले दृढ़ निश्चयी और महत्वाकांक्षी होते हैं। संदेह करना इनका नकारात्मक पक्ष है। मकर राशि वालों को स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए, इस राशि के जातक को हवा से होने वाली बीमारियां, श्वास और आंखों की बीमारियां प्रभावित कर सकती हैं। उच्च रक्तचाप की समस्या भी कभी-कभी आपको परेशान कर सकती है तथा सावधानी न बरतने पर आपको जोड़ों, बाल, दांत, चर्म रोग, और तंत्रिका जैसे रोग भी पीड़ित कर सकते हैं।
कुम्भ (Aquarius): कुंभ राशि के जातक नैतिक, सामाजिक, और विचारशील होते है और अपने विशेष गुणों के लिए प्रसिद्ध हैं। जैसे कि कुंभ राशि के जातक तार्किक और बुद्धिमान होते हैं, उनकी सोच निष्पक्ष होती है और वे वैज्ञानिक दृष्टिकोण वाले होते हैं। ये लोग समाज कल्याण के लिए सदैव आगे रहते हैं। उनकी दयालुता और अपने प्रेम साथी के प्रति विश्वासपात्रता उन्हें अलग बनाती है। उनकी सोच दार्शनिकता की ओर जाती है और वे अपने विचारों में अद्वितीय होते हैं। कुंभ राशि के जातक पतले और लंबे होते हैं, उनकी नाक आकर्षक होती है और उनके बाल काले और घने होते हैं। ये लोग स्वतंत्रता प्रिय होते हैं और उनका स्वभाव मिलनसार होता है। वे अपने दोस्तों के लिए सदैव तैयार रहते हैं।
मीन (Pisces): उदार, मददगार, विराधाभास, कलात्मकता, फिजूलखर्च और रोमांस प्रिय होते हैं । मीन राशि के जातकों को किसी तरह की पाबंदी पसंद नहीं है। ये बहुमुखी प्रतिभा के धनी होते हैं और परिस्थितियों को आसानी से समझ लेते हैं। इस राशि के जातक नए माहौल और नए विचारों में आसानी से घुल-मिल हो जाते हैं। रिलेशनशिप में इन्हें किसी बात का अहंकार नहीं होता है। बड़ी चीज़ों की बजाय छोटी चीज़ों का प्रबंधन करने में इन्हें थोड़ा भय महसूस होता है। इस राशि के जातक महान, ईमानदार और दयालु हृदय वाले होते हैं और ये सभी को एक समान नज़र से देखते हैं। अपने आस-पास के लोगों का ख़्याल रखना इस राशि वाले जातकों की मुख्य विशेषता होती है। ये स्पष्टवादी, यथार्थवादी एवं तार्किक होते हैं। अति भावुक होने के कारण इस राशि के जातक प्रेम में कम सफल हो पाते हैं। इनके लिए कला, चिकित्सा, जीव विज्ञान एवं संगीत अनुकूल प्रोफ़ेशन होता है।
ये जानकारी किसी व्यक्ति के स्वभाव को जानने के लिए तो पर्याप्त है लेकिन वह स्वभाव हमारे अनुकूल रहेगा या नहीं, इससे पता नहीं चल सकता है । उसके लिए हमें राशियों का स्वरूप, मूल स्वभाव और तत्व भी जानने की आवश्यकता होती है, इस चार्ट के माध्यम से आप आसानी से मिलान कर सकते हैं कि संबंधित व्यक्ति हमारे लिए अनुकूल रहेगा या नहीं ।
यहां पर इन राशियों की संज्ञा को मतलब भी समझना आवश्यक है -
चर राशि = चंचल प्रकृति
स्थिर राशि = गंभीर प्रकृति
द्विस्वभाव राशि = चर तथा स्थिर दोनों प्रकार के तत्व
अब आप ही बतायें कि क्या अग्नि और जल एक साथ रह सकते हैं । या वायु और अग्नि एक साथ रह सकते हैं ।
अगर आपको ज्योतिष का ज्ञान होगा तो आप क्षण भर में व्यक्ति के मूल स्वभाव को जान सकने में समर्थ हो सकते हैं ।
हालांकि एक बात यह भी जानने योग्य है कि आखिर राशि कौन सी देखी जाए । जन्म कुंडली में तो 12 राशियां हैं, तो आपकी राशि कौन सी मानी जाएगी? बहुत से भाई - बहन लग्न में मौजूद राशि को ही अपनी राशि समझने लग जाते हैं, हालांकि वह भी राशि ही है लेकिन जिस संदर्भ में आज की बात की जा रही है, वह है आपकी चंद्र राशि ।
व्यक्ति के जन्म के समय चंद्रमा जिस राशि में भ्रमण कर रहा होता है, वही उसकी जन्मकालीन राशि या चंद्र राशि कहलाती है । विद्वत जन कहते हैं कि भारतीय ज्योतिष में जब भी राशि फलादेश शब्द की चर्चा होती है, उसका मतलब ही चंद्र राशि से होता है । ये तर्कपूर्ण भी है क्योंकि पृथ्वी का सबसे नजदीक ग्रह चंद्रमा ही है और चंद्रमा ही मनुष्य के मन पर सर्वाधिक प्रभाव डाल सकने में समर्थ है ।
इसलिए जब भी आप किसी व्यक्ति के स्वभाव को जानने के इच्छुक हैं तो बातों ही बातों में उसकी जन्मकुंडली बना लीजिए और उसमें चंद्रमा जिस राशि में मौजूद है, उसका ज्ञान कर लीजिए । बाद में समय निकालकर अपनी चंद्र राशि से उसका मिलान कीजिए और देख लीजिए कि फलां व्यक्ति आपके अनुकूल रहेगा या नहीं ।
है न आसान... !
एक बार अभ्यास हो जाये तो फिर ये काम एक मिनट से भी कम समय में किया जा सकता है ।
अस्तु ।
व्यक्ति के जन्म के समय चन्द्रमा किस राशि में भर्मण कर रहा हैं कैसे पता करेंगे