माता बगलामुखी के अवतरण दिवस पर पूज्य सदगुरुदेव द्वारा शक्तिपात
आप सबको अब तक सूचना मिल चुकी होगी कि कल आद्या शक्ति माता बगलामुखी की जयंती है और इस अवसर पर पूज्य सदगुरुदेव अपने सभी शिष्यों को शक्तिपात प्रदान करेंगे । आप सभी को इस अवसर का लाभ उठाना ही चाहिए ।
पूज्य सदगुरुदेव ने जो समय निर्धारित किया है वह कल प्रातः 6ः48 मिनट से लेकर 10ः00 बजे तक रहेगा ।
कुछ गुरुभाइयों ने मैसेज किया है कि उनको कौन से मंत्र का जप करना चाहिए ? कुछ गुरुभाई जानना चाहते हैं कि क्या उनको अपना फोटो गुरुधाम भेजना होगा?
यहां मैं यही कहना चाहूंगा कि यह सौभाग्य लगभग 18 - 20 वर्ष बाद प्राप्त हो रहा है जब पूज्य सदगुरुदेव अपने सभी मानस पुत्रों को इस प्रकार की दीक्षा प्रदान करने जा रहे हैं । इसलिए चिंता न करें, बस ध्यान लगाकर अपने साधना कक्ष में ही साधना करें, जब पूज्य सदगुरुदेव दीक्षा प्रदान करेंगे तो आप स्वतः ही उन तरंगों को महसूस कर सकेंगे । जितना अच्छा ध्यान लगेगा, उतना ही इस ऊर्जा को आप महसूस कर सकेंगे ।
सदगुरुदेव ने माता बगलामुखी से संबंधित बहुत सारी साधनायें प्रदान की हैं । आप किसी भी साधना का चयन कर सकते हैं । यहां पर आपको माता बगलामुखी का मूल मंत्र और माला मंत्र दिया जा रहा है ।
।। मूल बगलामुखी मंत्र ।।
॥ ॐ ह्लीं बगलामुखीं सर्वदुष्टानाम वाचम मुखम् पदम् स्तम्भय जिह्वाम कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं फट ॥
।। Om Haleem Baglabukheem Sarv Dushtanaam Vaacham Mukham Padam Stambhaya Jivhaam keelaya Buddhim Vinashaya Haleem Phat ।।
।। बगलामुखी माला मंत्र ।।
।। ॐ नमो भगवति ॐ नमो वीरप्रतापविजयभगवति बगलामुखि मम सर्वनिन्दकानां सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय स्तम्भय ब्राह्मीं मुद्रय मुद्रय बुद्धिं विनाशय विनाशय अपरबुद्धिं कुरु कुरु आत्मविरोधिनां शत्रुणां शिरो - ललाट - मुख - नेत्र - कर्ण नासिकोरू - पद - अणुरेणु - दंतोष्ठ - जिह्वा - तालु - गुह्य - गुद - कटि - जानु सर्वाङ्गेषु केशादिपादपर्यन्तं पादादि - केशपर्यन्तम स्तम्भय स्तम्भय खें खीं मारय मारय, परमन्त्र - परयन्त्र - परतंत्राणि छेदय छेदय, आत्ममंत्रयंत्रतंत्राणि रक्ष रक्ष, ग्रहं निवारय निवारय व्याधिं विनाशय विनाशय, दुःखं हर हर दारिद्रयं निवारय निवारय सर्वमंत्रस्वरूपिणि, सर्वतंत्रस्वरुपिणि, सर्व शिल्पप्रयोग - स्वरुपिणि, सर्वतत्वस्वरुपिणि, दुष्टग्रह - भूतग्रह - आकाशग्रह - पाषाणग्रह - सर्वचाण्डालग्रह - यक्षकिन्नरकिम्पुरुषग्रह - भूतप्रेतपिशाचानां शाकिनी - डाकिनीग्रहाणाम पूर्वदिशां बन्धय बन्धय, वार्तालि माम रक्ष रक्ष, दक्षिणदिशां बन्धय बन्धय, किरातवार्तालि मां रक्ष रक्ष, पश्चिमदिशां बन्धय बन्धय, स्वप्नवार्तालि मां रक्ष रक्ष, उत्तरदिशां बन्धय बन्धय, कालि मां रक्ष रक्ष, ऊर्ध्व दिशं बन्धय बन्धय उग्र कालि मां रक्ष रक्ष, पातालदिशं बन्धय बन्धय, बगलापरमेश्वरि मां रक्ष रक्ष, सकलरोगान् विनाशय विनाशय, सर्वशत्रुपलायनाय पञ्चयोजनमध्ये राजजनस्त्रीवशतां कुरु कुरु, शत्रून् दह दह, पच पच, स्तम्भ्य स्तम्भ्य, मोहय मोहय, आकर्षय आकर्षय, मम शत्रून उच्चाटय उच्चाटय, हुं फट स्वाहा ।।
जब आप साधना में बैठें तो गुरु पूजन, गणेश पूजन और गुरु मंत्र की कम से कम 4 माला जप करके ही बैठें । यथासंभव पीले वस्त्र और आसन का प्रयोग करें । भोग में पीले रंग का नैवेद्य प्रयोग करें ।
माता बगलामुखी का ध्यान करके, मूल मंत्र अथवा माला मंत्र की साधना करें । अगर मूल मंत्र से साधना करना चाहते हैं तो पीली हल्दी की माला से इस जप को करना चाहिए । 1, 3, 5 या 11 माला मंत्र जप कर सकते हैं ।
अगर आप माला मंत्र की साधना करना चाहते हैं तो कम से कम 11 या 21 पाठ अवश्य करें ।
बेहतर तो यही होगा कि पहले आप सदगुरुदेव की कैसेट के माध्यम से मंत्र ग्रहण करें और तब साधना शुरु करें । भले ही यह कैसेट लामा पद्धति से बगलामुखी प्रयोग की है, लेकिन आपको माता बगलामुखी का मूल मंत्र तो यहां से प्राप्त हो ही जाएगा । वैसे भी किसी भी मंत्र को गुरु मुख से ग्रहण करना ही उचित होता है । बिना गुरु मुख से ग्रहण किये हुए मंत्र की सफलता संदिग्ध रहती है ।
आप सब माता बगलामुखी के अवतरण दिवस पर सदगुरुदेव की कृपा को पूर्ण रुप से आत्मसात कर सकें । ऐसी ही शुभेच्छा है ।
:)
माता बगलामुखी के इस परम दुर्लभ माला मंत्र को आप यहां से डाउनलोड़ कर सकते हैं -
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