सदगुरु कृपा विशेषांकः लक्ष्य भेदन सिद्धि - 2
- Rajeev Sharma
- Nov 10, 2022
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Updated: Aug 6
प्रक्षेपण क्रिया साधना
पिछली पोस्ट में हमने देखा था कि किस प्रकार से संधान क्रिया संपन्न की जा सकती है । संधान का मतलब है निशाना साधने की क्रिया । लेकिन प्रक्षेपण का तात्पर्य है कि कितनी तीव्रता या वेग से उसे लक्ष्य पर छोड़ा जाए ।
यह क्रिया अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि निशाना सही होने के बाद भी अगर तीव्रता कम हुयी तो कार्य की पूर्णता में संदेह रहता है ।
वरिष्ठ गुरुभाईयों ने बताया है कि अगर इस प्रयोग को सफलता पूर्वक संपन्न कर लिया जाए तो इस शक्ति के प्रयोग से आप अपनी साधनाओं में आ रही विघ्न - बाधाओं का भी निराकरण कर सकते हैं ।
इस प्रयोग में जिस मंत्र का प्रयोग सदगुरुदेव ने बताया है वह निम्न प्रकार है -
प्रक्षेपण क्रिया मंत्र

