जिस प्रकार से कुंडली में 12 घर होते हैं, जिनको हम भाव भी कहते हैं । उसी प्रकार से 12 राशियां भी होती हैं । जिनके नाम (क्रम से) इस प्रकार से हैं -
मेष (1)
वृषभ (2)
मिथुन (3)
कर्क (4)
सिंह (5)
कन्या (6)
तुला (7)
वृश्चिक (8)
धनु (9)
मकर (10)
कुंभ (11)
मीन (12)
प्रत्येक राशि के सामने एक अंक लिखा हुआ है । जैसे कि मेष के सामने (1) और सिंह के सामने (5) इत्यादि । इसका मतलब है कि जन्म कुंडली में जहां भी 5 का अंक लिखा होगा तो उस भाव में सिंह राशि है । जहां 8 का अंक लिखा होगा, उस भाव में वृश्चिक राशि है । तो राशि का पूरा नाम लिखने के स्थान पर केवल अंक लिख दिये जाते हैं ।
जिस प्रकार से कुंडली में इनका स्थान अंकों के माध्यम से बताया जाता है, उसी प्रकार से इन राशियों का स्थान शरीर में भी बताया गया है ।
जन्म कुंडली में जो राशि पापक्रान्त हो या कमजोर हो, मनुष्य शरीर का वह अंग भी कमजोर होता है । इसी प्रकार एक्सीडेंट, बीमारी आदि का योग जिस राशि पर घटित होता है मनुष्य का वही अंग उसका शिकार होता है । यदि ग्रह वेध में हो तो वह अंग चोट खाता है । इसके विपरीत कुंडली में जो राशि दृढ़ होती है जातक का वह अंग भी पुष्ट होता है ।
यही ज्योतिष की महत्ता भी है कि अगर आप किसी अंग विशेष में समस्या से परेशान हैं तो पहले आपको समझना होगा कि वह अंग किस राशि के अंतर्गत आता है । एक बार यह समझ आ जाए तो आप अपने वर्षफल कुंडली के माध्यम से उस राशि की स्थिति को समझ सकते हैं । जब हम लोग अष्टक वर्ग ज्योतिष पर चर्चा कर रहे थे तब इस बात को मेरे प्रिय भाई - बहनों ने भी समझ लिया था कि किसी ग्रह को उस राशि में कितने शुभ अंक मिलने से वह ग्रह मजबूत या कमजोर होगा ।
कितना सरल है न...!
इसी प्रकार से अगर आप किसी कार्य को संपन्न करना चाहते हैं तो एक बार यह भी समझिए कि वह कार्य किस अंग से संपन्न होगा । और वर्षफल में उस अंग से संबंधित राशि की स्थिति कैसी है, तो इससे भी आप अपने प्रश्न का उत्तर जान सकते हैं ।
उदाहरण के लिए - आप ऐसा कार्य करते हैं जो यात्रा से संबंधित है तो आपको एक नजर अपनी धनु, मकर और मीन राशि की स्थिति पर भी डाल लेनी चाहिए । अगर उसमें वाक शक्ति का भी प्रयोग होना है तो आपको अपने मेष और वृषभ राशि की स्थिति पर भी एक नजर डाल लेनी चाहिए । इससे आपको सकारात्मक या नकारात्मक दोनों ही स्थितियों का भान हो जाएगा । तब आप उस साधनाओं का भी चयन कर सकेंगे तो उस कार्य विशेष की संपन्नता में सहायक सिद्ध होंगी ।
अस्तु ।
ज्योतिष का ये सेशन कितने बजे से शुरू होता है, इसका कोई नोटिफिकेशन भी दे दीजिये
मकर राशि है पैर के घुटने मे दर्द है साधना मे बैठ नही पाता हूँ दर्द दुर कैसे किया जाये