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गुरु मंत्र और साधना का महत्व-भाग ३

Updated: Aug 7

समर्पण और ब्रह्माण्ड शक्ति यंत्र


It's not people who hurt you. It is your own mind and vulnerability and, your own emotions that entangle you and make you feel hurt. श्री श्री रविशंकर, आध्यात्मिक गुरु

अगर आप अंग्रेजी समझते हैं तो इस बात का मंतव्य समझ गए होंगे लेकिन फिर भी बहुत से लोग इस बात को शायद स्वीकार न कर पाएं । इसलिए आज इस पर चर्चा करते हैं ।


आजकल जहां देखो वहीं पर संघर्ष है । घर में हो या परिवार में, किसी समाज की बात करें या दो देशों के बीच, सर्वत्र संघर्ष व्याप्त है । हालांकि यह हमेशा सृष्टि के आधे हिस्से में ही रहेगा । आधा हिस्सा हमेशा शांत रहेगा । यही प्रकृति का संतुलन है ।


लेकिन यहां मनुष्य को एक विकल्प हमेशा मिलता है, और वह विकल्प है आपके चयन का । आप किस क्षेत्र को चुनते हैं, संघर्ष का क्षेत्र या शांति का क्षेत्र, चयन हमेशा आपका ही रहेगा ।


श्री श्री रविशंकर जी ने जो बात कही है वह इस परिपेक्ष्य में बहुत महत्वपूर्ण है कि जब यही संघर्ष एक साधक के जीवन में आता है तब उसे किस प्रकार से इसका सामना करना चाहिए । कारण चाहे जो भी हो, जब किसी साधक को जीवन में संघर्ष करना पड़ता है तो उसके मूल में भी यही तथ्य होता है कि जिस तकलीफ से वह गुजर रहा है वह किसी दूसरे के द्वारा दी हुयी नहीं होती है, बल्कि उसके अपने विचार, भावनायें और मन की कमजोरी ही उसका मूल होते हैं ।


वैसे यह समझना इतना भी आसान नहीं है जितनी आसानी से लिख दिया गया है ।


चलिए, समझने के लिए कुछ उदाहरण का सहारा लेते हैं । फर्ज कीजिए कि किसी ने आपसे कुछ ऐसा कह दिया अथवा आपके साथ कुछ ऐसा कर दिया जिससे आपको तकलीफ हो रही है । और, सिर्फ तकलीफ ही नहीं, बहुत ज्यादा तकलीफ हो रही है । ऐसा लगे कि आपके आत्मसम्मान को छिन्न - भिन्न कर दिया हो अथवा आपका सब कुछ बरबाद कर दिया हो अथवा ऐसा भी लग सकता है जैसे अब आपका कोई अपना नहीं रहा, सब पराये हो गये हैं ....


बहुत सी परिस्थितियों में ऐसा भी लग सकता है कि जीवन की समस्त सच्चाई आपके सामने प्रकट हो गयी है और अब कोई भी भरोसे लायक नहीं बचा है ...


तकलीफ का चेहरा किसी भी प्रकार का हो सकता है, शब्द भी परिस्थिति के हिसाब से बदल जाएंगे लेकिन आशय आप समझ गये होंगे ।


अब सवाल उठता है कि आखिर इस तकलीफ का मूल हमारे अपने विचार, भावनायें या मन की कमजोरी कैसे हो सकती हैं?


इस चीज को समझना चाहते हैं तो हमें सबसे पहले ऊर्जा के मूल तथ्य को समझना होगा ।

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