लक्ष्मी प्राप्ति के व्यावहारिक विकल्प-१
- Rajeev Sharma
- Jul 19, 2020
- 5 min read
Updated: Aug 7
जबसे लक्ष्मी साधनाओं पर पोस्ट प्रकाशित हुयी हैं, तबसे बहुत से गुरु भाईयों ने, परिचितों ने और जो भी हमारे ब्लॉग के पाठक हैं, के बहुत फोन आये हैं । लोग जानना चाहते हैं कि आखिर जीवन में लक्ष्मी जी का आगमन कैसे हो सकता है । ज्यादातर लोग शॉर्टकट तरीका अपनाना चाहते हैं तो कुछ लोग, मेहनत भी करना चाहते हैं । ज्यादातर सवाल इस संदर्भ में होते हैं कि आखिर साधना के माध्यम से लक्ष्मी जी का आगमन कैसे हो सकता है । मोटे शब्दों में कहें तो जीवन में धन प्राप्ति का मार्ग कैसे खुल सकता है ।
सवालों की फेहरिस्त तो बहुत लंबी है, कुछ के जवाब दिये जा सकते हैं पर, सबके जवाब तो नहीं दिये जा सकते...
खैर, जो बात महत्वपूर्ण है वो है कि हमें जीवन में बहुत व्यावहारिक होकर सोचना और करना चाहिए । साधना करने का उद्देश्य एकदम अलग होता है । जो लोग ये सोचते हैं कि सिर्फ साधना करने से ही लक्ष्मी प्राप्ति हो जाएगी, तो यह बात पूर्णतः सत्य नहीं है । दरअसल होता क्या है कि (अगर विश्वास कर सकें तो) पूर्व जन्मों के कर्मों के हिसाब से हमारा इस जीवन का प्रारब्ध तय होता है और, चाहते न चाहते हुये भी हमें वो सभी सुख और दुःख भोगने ही पड़ते हैं जो हमारे प्रारब्ध में लिखे हैं ।
अब सुख भोगने में तो कोई शिकायत करता नहीं है । शिकायत तो दुःख भोगने में ही की जाती है ।
ये बात पूरी तरह से समझ लेनी चाहिए कि जब तक पिछला हिसाब चुकता नहीं हो जाएगा, आपकी साधना उस प्रकार से प्रभाव नहीं दिखा सकती, जिस प्रकार का वर्णन आप ग्रंथों में या सदगुरुदेव द्वारा प्रकाशित पत्रिकाओं में देखते हैं । हां, कुछ अनुकूलता अवश्य प्राप्त हो जाती है पर वह भी सिर्फ इसलिए कि सदगुरुदेव आपकी की हुयी साधना का कुछ हिस्सा आपके ही पिछले जीवनों के कर्मों को काटने में लगा देते हैं और कुछ हिस्सा इस जीवन में उन्नति हासिल करने के लिए छोड़ दिया जाता है ।
ये भी एक कारण है कि सदगुरुदेव हमेशा साधना करते रहने पर ही फोकस करवाया करते थे । विभिन्न प्रयोगों और साधनाओं के माध्यम से एक ओर साधक अपने जीवन में धीरे - धीरे उन्नति के रास्ते पर चलता ही जाता है, साथ ही सदगुरुदेव चुपचाप उसके बंधनों को भी आहिस्ता - आहिस्ता काटते रहते हैं । सब कुछ इस तरह होता है कि पता ही नहीं चलता और एक समय ऐसा भी आता है जब साधक पूर्णतया बंधन मुक्त होकर सीधे सदगुरुदेव की शरण में ही पहुंच जाता है । शायद इसी को पूर्णता कहा जाता है ।
पर ये सब उन लोगों को लिए होता है जो अपने गुरु पर पूर्ण विश्वास और समर्पण के साथ अपनी आध्यात्मिक साधनाओं के साथ - साथ, कर्म रुपी साधना में भी लगे रहते हैं क्योंकि, साधना तो वह हर चीज है जो आपके कर्तव्य के अंतर्गत आती है ।
अगर परिवार की जिम्मेदारी आपका प्रथम कर्तव्य है, तो यही आपकी साधना है । अगर निःस्वार्थ सेवा ही आपका कर्तव्य है, तो यही आपकी साधना है । आशय आप समझ ही गये होंगे ।
हालांकि मंत्र जप की साधना का भी अपना महत्व है क्योंकि मंत्रों की ऊर्जा अपार होती है और यह हमें अपने लक्ष्य तक सुगमता से पहुंचा देती है । ये ठीक वैसे ही है जैसे आप बनारस से दिल्ली का सफर पैदल करना चाहें अथवा राजधानी एक्सप्रेस से । चुनाव तो आखिर आपको ही करना है । इसलिए मंत्र साधना का अपना महत्व है ।
ब्लॉग पर अब तक सदगुरुदेव प्रदत्त कई महत्वपूर्ण रिकॉर्डिंग पोस्ट हो चुकी हैं अगर आप उनका नित्य श्रवण भी करते हैं तो भी आपके जीवन में लक्ष्मी जी का आगमन होता ही है ।
कुछ महत्वपूर्ण पोस्ट का उल्लेख यहां फिर से किया जा रहा है -
इन रिकॉर्डिंग को आप नित्य प्रतिदिन श्रवण करें, लक्ष्मी आबद्ध प्रयोग का प्रतिदिन अभ्यास करें, जीवन में शीघ्र ही सफलता प्राप्त होती है ।
इसके अलावा आज से हम एक श्रृंखला और प्रारंभ कर रहे हैं जिसमें व्यावहारिक जीवन में किस प्रकार से धन कमाया जा सकता है, उन पर चर्चा होगी । कुछ महत्वपूर्ण विषय हैं जिन पर हम इस श्रृंखला में चर्चा करेंगे -
