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अंक विद्या-भाग ६ (मूलांक)

सद्गुरु कृपा रहस्यम् और मूलांक


अंक विद्या - भाग ५ में हमने कुछ तथ्यों को समझने का प्रयास किया था, जिसमें मुख्य था, अंकों और ग्रहों का संबंध । इसी श्रंखला में हम ये समझने का प्रयास करेंगे कि हमारे मूलांक का ग्रहों और उनके प्रतिनिधि देवताओं से क्या संबंध है । एक बार ये समझ में आने पर उससे संबंधित साधनात्मक तथ्य भी स्वतः ही स्पष्ट हो जाते हैं जो हमारे भौतिक और आध्यात्मिक जीवन में प्रगति में महत्वपूर्ण रूप से सहायक सिद्ध होते ही हैं ।


सदगुरुदेव प्रदत्त इस ज्ञान का आप सभी लाभ उठा सकें, यही आपसे अपेक्षा है ।


मूलांक


१ से ९ तक के अंक मूलांक होते हैं । जन्म तारीख यदि ज्ञात हो तो मूलांक ज्ञात किया जा सकता है । उदाहरण के लिए अगर किसी का जन्म महीने की ८ तारीख को हुआ है तो उसका मूलांक८ होगा । ९ तारीख के बाद अगर जन्म हुआ है तो ९ के बाद के अंकों को जोड़कर मूलांक बनाये जाते हैं तो अगर किसी का जन्म २१ तारीख को हुआ है तो २ + १ = ३ मूलांक हुआ ।


मूलांक १


जन्म तारीख १, १०, १९, २८


प्रतिनिधि ग्रह - सूर्य


प्रधान देवता - सूर्य


आप सूर्योपासना करें तथा उगते हुए सूर्य का दर्शन करने के पश्चात ही नित्य के कार्यों में संलग्न हों । यदि यह न संभव हो तो माणिक जड़ी स्वर्ण अंगूठी के ही दर्शन कर लें ।


ध्यान - प्रातःकाल उठकर भगवान सूर्य का ध्यान करें । मन में सूर्य की मूर्ति प्रतिष्ठित करें और निम्न मंत्र का पाठ करें -

प्रत्यक्ष देवं विशदं सहस्त्र मरीचिभिः शोभित भूमि देशम् ।

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