अपने घर में लक्ष्मी सूक्त का नित्य श्रवण करें, सुनें या उच्चारण करें, तब भी निरंतर जीवन में आर्थिक उन्नति होती ही रहती है । व्यापार में वृद्धि, आर्थिक उन्नति, भौतिक सुख, सौभाग्य, ऐश्वर्य प्राप्त होता ही है ।
यदि नित्य प्रातःकाल इस सूक्त को ही घर में बजाया जाये, तो भी जीवन में अनुकूलता प्राप्त होती ही है ।
यदि साधक इस सूक्त के नित्य प्रति 101 पाठ संपन्न करे और मात्र 11 दिन संपन्न करे तो भी श्रेष्ठतम लक्ष्मी साधना संपन्न होती है ।
(श्री सूक्त - सदगुरुदेव महाराज की दिव्य वाणी में)
इस सूक्त का यदि नित्य प्रति पाठ किया जाता है, उच्चारण किया जाता है या इसको घर में बजाया जाता है तो निश्चय ही लक्ष्मी का आगमन होता है, स्थायित्व की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख, संपदा, ऐश्वर्य, भोग विलास, संपन्नता और श्रेष्ठता उस साधक को प्राप्त होता ही है । इसीलिए भगवती महालक्ष्मी की साधना जीवन की सर्वश्रेष्ठ साधना कही गयी है ।
अस्तु ।
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