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मंत्र शक्तिः रोग निवारण-‍1

Updated: Aug 8

अभी हाल ही में नवरात्रि का शुभ समय था । कुछ गुरुभाइयों ने विजय सिद्धि माला का निर्माण भी इसी समय में कर लिया है । मैं उन सब गुरुभाइयों को बधाई देना चाहता हूं जिन्होंने इस नवरात्रि में इस अद्भुत प्रयोग को संपन्न किया है । उनको भी बधाई जो किसी न किसी साधना में संलग्न रहे हैं । क्योंकि नवरात्रि का समय चैतन्य शक्ति से भरपूर होता है ।


जो कार्य नवरात्रि में आसानी से हो सकते हैं, उन कार्यों को वर्ष के किसी और समय करने में अत्यधिक श्रम और ऊर्जा खर्च हो जाती है । इसलिए विरले ही होते हैं वे सौभाग्यशाली साधक जो नवरात्रि के अवसर का भरपूर लाभ उठा पाते हैं ।


अब बात करते हैं एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण विषय की - मंत्रों के माध्यम से रोग निवारण । वैसे तो ये बहुत ही विस्तृत विषय है और प्रत्येक रोग के लिए एक ही मंत्र काम करे, ये आवश्यक नहीं है । पर एक ही मंत्र कई प्रकार की समस्याओं में काम आ सकता है, ये एक अनुभूत तथ्य है ।


हालांकि ये अवश्य ध्यान रखा जाना चाहिए कि रोग के उपचार में सिर्फ मंत्रों पर ही निर्भर नहीं रहना चाहिए; व्यक्ति को दवाइयों का भी इस्तेमाल करना चाहिए । क्योंकि मंत्र के माध्यम से उपचार में साधक की चेतना स्तर का भी महत्वपूर्ण रोल होता है । अगर साधक ने किसी मंत्र को सिद्ध भी कर लिया है लेकिन चेतना स्तर अभी भी सामान्य ही है तो रोग के निवारण में समय लगता है । शायद इसीलिए सदगुरुदेव चेतना मंत्र के अभ्यास पर हमेशा जोर देते थे । यहां ब्लॉग पर सदगुरुदेव प्रदत्त अत्यंत महत्वपूर्ण चैतन्य संस्कार मंत्र भी पहले ही पोस्ट कर दिये गये हैं, उनको प्रतिदिन सुनने मात्र से भी व्यक्ति के चेतना स्तर में अभूतपूर्व वृद्धि होती ही है ।


पेट से संबंधित रोगों के निवारण के लिए


कभी - कभी ऐसा होता है कि समय-असमय (जैसे कि रात्रि समय में) बच्चे या वयस्क व्यक्ति को अकारण ही समस्या होने लग जाती है । जैसे कि -

  1. अकारण बेचैनी अथवा बुखार जैसा महसूस होना

  2. पेट में गैस बनने से दर्द होने लग जाए

  3. भोजन पच नहीं पा रहा हो और उसके कारण पाचन संबंधी समस्यायें हो जाएं

  4. बच्चे को या वयस्क व्यक्ति को नजर लग जाए तो भी तबीयत खराब होने लग जाती है

उदर से संबंधित समस्याओं की तो गिनती की ही नहीं जा सकती । ये ऐसा समय होता है जब किसी डॉक्टर के पास जाने का भी समय नहीं होता है । वैसे, इस तरह की समस्याओं में अगर दवा उपलब्ध भी हो जाए तो ऐसा भी हो सकता है कि दवा से आराम ही नहीं हो । उस वक्त अगर इस मंत्र को प्रयोग किया जाए तो स्वास्थ्य लाभ होता ही है ।

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