top of page

प्रातः स्मरणीय वेद श्रुतियां

Updated: Sep 3

वेदों से चुनिंदा प्रातः स्मरणीय श्लोक और स्तोत्र, जिनका पाठ करना, उच्चारण करना या केवल मात्र श्रवण करना भी जीवन को विषम परिस्थितियों से बाहर निकालने के लिए पर्याप्त है । इन स्तोत्रों / वेद श्रुतिओं को अपने घर में रोज सुनना चाहिए या बजाना चाहिए । जितनी दूर तक इनकी आवाज जाती है वहां तक का वातावरण स्वयं ही पवित्र और दिव्य बन जाता है । ये रिकॉर्डिंग विश्व विख्यात आध्यात्मिक गुरु डॉ नारायण दत्त श्रीमाली जी की मूल आवाज में है ।


परम पूज्य सदगुरुदेव तो अब इस भौतिक शरीर को त्याग चुके हैं पर किसी संत ने कहा है कि गुरु भले ही शरीर छोड़ दें, लेकिन उनकी चेतना हमेशा बनी रहती है । सदगुरुदेव आज भी अपने दिये हुये ज्ञान के माध्यम से हम सभी शिष्यों के दिलों में मौजूद हैं ।


सदगुरुदेव हमेशा कहते थे कि जब भी हम अपने घर में गुरु की आवाज में कैसेट बजाते हैं तो ये समझिये कि गुरु आपके घर में आये, पधारे और इन स्तोत्रों का उच्चारण किया । इसलिए जब गुरु स्वयं ही आकर किसी स्तोत्र का उच्चारण करेंगे तो जीवन में परिवर्तन कैसे न आयेगा ।

ये बहुत ही दुर्लभ ज्ञान है और फिर भी सदगुरुदेव की कृपा है कि ये हम सब के लिये सुलभ भी हो गया है । जो लोग गुजरात के गुरुभाइयों से परिचित हैं जिन्होंने सदगुरुदेव के ऑडिओ - वीडिओ ग्रुप के माध्यम से दशकों पुराने ऑडिओ-वीडिओ हम सबके समक्ष रखे हैं, तो हमारी भी जिम्मेदारी बनती है कि इस ज्ञान का प्रसार प्रत्येक भारतीय के घर में होना ही चाहिए ।


प्रातःकाल गुंजरित वेद ध्वनि-भाग 1


कैसेट के इस भाग में जो महत्वपूर्ण स्तोत्र हैं -

  1. महत्वपूर्ण गणपति स्तोत्र

  2. शांति पाठ- जिसका कम से कम एक बार तो घर में होना ही चाहिए

  3. भगवान शिव के षोड़श मंत्र

  4. पुष्यदंत प्रणीत शिव महिम्न स्तोत्र


भाग १ - प्रातः काल गुंजरित वेद ध्वनि Download

 

प्रातः काल गुंजरित वेद ध्वनि-भाग 2


कैसेट के इस भाग में जो महत्वपूर्ण स्तोत्र हैं -

  1. रावण कृत शिव तांडव स्तोत्र

  2. हनुमान चालीसा

  3. संकट मोचक हनुमानाष्टक

  4. मार्कण्डेय कृत चंद्रशेखराष्टक

  5. भवानी अष्टक

  6. देव्यपराधक्षमापस्तोत्रम

  7. इंद्र कृत भगवती जगदंबा स्तुति


भाग २ - प्रातः काल गुंजरित वेद ध्वनि Download

 

इन स्तोत्रों को आप नित्य प्रति प्रातःकाल अपने घर में बजायें और सुनें । कोई खास नियम नहीं है, आप अपना दैनिक कार्य करते हुये भी इन स्तोत्रों को सुन सकते हैं । हां, इतना अवश्य ध्यान रखें कि ऐसा न हो कि घर में स्तोत्र बज रहे हैं और उनको सुनने वाला कोई न हो । इससे कुछ भी लाभ नहीं होगा । पर अपना दैनिक कार्य करते हुये भी आप अगर अपना मन इन स्तोत्रों में लगायेंगे तो घर का वातावरण न सिर्फ पवित्र होगा, बल्कि जीवन भी अवश्य परिवर्तित होगा ही ।


अस्तु ।

33 views0 comments
bottom of page