सद्गुरु कृपा विशेषांक - पाश से मुक्ति
- Rajeev Sharma
- Oct 5, 2023
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Updated: Aug 5
जीवन न तो अपने हाथ में न कल था, न आज है, न ही कल होगा । जीवन की घटनाओं पर भी हमारा कोई नियंत्रण नहीं है, अलबत्ता विचारों पर नियंत्रण का प्रयास हम अवश्य कर सकते हैं लेकिन यह कार्य अच्छे - अच्छे साधकों के लिए भी एक चुनौतीपूर्ण विषय रहा है ।
एक सामान्य व्यक्ति लगभग सब समय काल शक्तियों द्वारा प्रदान किये गये विचारों की भूल - भुलैया में झूलता रहता है । ऐसा इसलिए भी है कि काल शक्तियां विचारों के साथ - साथ उस स्तर की ऊर्जा भी प्रदान करती हैं जिसको समझना या उसकी अनदेखी कर पाना सामान्यतः संभव नहीं होता है। यही कारण है कि एक लेखक अपने में डूबा हुआ तब तक लिखता रहता है जब तक वह ऊर्जा उसके मस्तिष्क में बनी रहती है, एक सैनिक तब तक लड़ता रहता है जब तक कि उसका उद्देश्य पूरा न हो जाए या सामान्य अर्थों में देखा जाए तो एक व्यक्ति किसी काम को तब तक करता ही रहता है जब तक वह कार्य पूरा न हो जाए ।
अब ये कार्य अच्छे भी हो सकते हैं और सामाजिक दृष्टिकोण से खराब भी हो सकते हैं ।
अगर काल शक्तियों से प्रारब्धवश रचनात्मक ऊर्जा प्राप्त हुयी है तो यह आपको यश और सम्मान का अधिकारी बना देती है । और, अगर यही ऊर्जा विध्वंसकारी है तो व्यक्ति अपमान और दंड का भी भागी बनता है । किसी भी परिस्थिति में भोग तो भोगना ही पड़ेगा । पर क्या हो अगर हम इस ऊर्जा को नियंत्रित कर पाने में सफल हो जाएं । सदगुरुदेव महाराज ने समय - समय पर एक से बढ़कर एक अद्भुत साधनाओं को प्रदान किया है, उन्हीं में से एक है लामा पद्धति पर आधारित वह विशेष मंत्र जिसके माध्यम से काल शक्तियों के प्रभाव को तत्क्षण कम किया जा सकता है -
