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सदगुरु कृपा विशेषांकः यज्ञ महोत्सव 2025

अलीगढ़ (छर्रा) यज्ञ महोत्सव 2025


वर्ष 2023 में संपन्न हुये यज्ञ की एक झलक
छर्रा (अलीगढ़) में ही वर्ष 2023 में संपन्न हुये 24 घंटे के यज्ञ का एक दृश्य

यज्ञ प्रारंभ: अक्टूबर 30, 2025, प्रातः 6 बजे से ।


पूर्णाहुति: अक्टूबर 31, 2025, प्रातः 11 बजे तक ।


स्थान: छर्रा, अलीगढ़, उत्तर प्रदेश


मुख्य आयोजक: नितिश गौड़


इस यज्ञ के आयोजन का बहुत से भाई - बहनों को एक इंतजार सा रहता है । रहे भी क्यों नहीं - एक विशाल और भव्य यज्ञ, जिससे प्राप्त होने वाले पुण्यों को देवदुर्लभ पुण्य की संज्ञा दी जाती हो, उसकी तो हम लोग भी पल - पल प्रतीक्षा करते हैं । । यज्ञों की यह श्रृंखला उत्तराखंड से शुरु हुयी थी और अब तक लगभग 10 यज्ञ संपन्न हो चुके हैं । गृहस्थ हो या सन्यासी, भौतिक और आध्यात्मिक जीवन को गति देने के लिए प्रतिवर्ष मात्र 1 या 2 यज्ञ ही अपने आप में पर्याप्त हैं ।


यज्ञ का प्रारंभ अक्टूबर 30, 2025, प्रातः 6 बजे से होगा और लगातार 24 घंटे तक चलने वाले इस यज्ञ की पूर्णाहुति अक्टूबर 31, 2025, प्रातः 11 बजे तक हो जाएगी । दरअसल यज्ञ से पहले पूजन कार्यक्रम में 2 - 3 घंटे लग जाते हैं तो इतना समय लेकर चलना पड़ता है । भोजन - प्रसाद का वितरण होते - होते आप सांय 3 - 4 बजे तक फ्री हो सकते हैं । तो जो गुरु भाई - बहन इस यज्ञ में भाग लेने की इच्छा रखते हैं वह अपना वापसी का कार्यक्रम 31 अक्टूबर का कर सकते हैं या अगले दिन भी । रुकने की व्यवस्था रहेगी इसलिए इस ओर से चिंता न करें । ऐसा इसलिए है कि जाड़े का समय रहेगा और शाम 5 - 6 बजे तक अंधेरा हो जाता है ।


अपने साथ क्या लेकर चलें?


यज्ञ स्थल पर आपके रुकने की पूरी व्यवस्था रहेगी, भोजन प्रसाद, फलाहार इत्यादि की व्यवस्था आयोजकों की तरफ से ही होगी इसलिए उस तरफ चिंता करने की आवश्यकता नहीं है । हालांकि रास्ते के लिए गरम कपड़े अवश्य रखकर लायें ।


अलीगढ़ रेलवे स्टेशन से यज्ञ स्थल तक कैसे पहुंचेंगे?


अलीगढ़ से छर्रा की दूरी मात्र 40 किमी है । वैसे तो अलीगढ़ में "छर्रा बस स्टैंड" से छर्रा के लिए हर घंटे बस मिल जाती है । लेकिन मेरी राय में अगर आप सभी 29 अक्टूबर को सांय 4-5 बजे तक अलीगढ़ पहुंच जायें तो फिर हम सब एक साथ चल सकते हैं । वाहन की व्यवस्था हम लोग कर देंगे । मैं यहां पर यज्ञ स्थल की लोकेशन दे रहा हूं । अगर किसी वजह से आप यज्ञ स्थल तक न पहुंच पायें तो नजदीक के शिव मंदिर पहुंचकर हमें संपर्क कर लें । छर्रा में शिव मंदिर बहुत प्रसिद्ध है, कोई भी बता देगा ।


यज्ञ के मुख्य यजमान नितिश गौड़ हैं और यज्ञ स्थल का पता नीचे हैं -

Sri Rajender Bhawan,

10/23, Shivpuri 2,

Chharra,

Aligarh, Uttar Pradesh




जो भाई - बहन इस यज्ञ में भाग लेने की इच्छा रखते हैं, वो मुझसे #8979480617 पर WhatsApp या कॉल करके संपर्क कर सकते हैं । अथवा आप सीधे ही यहां रजिस्टर करके अपना नाम, पता और फोन नंबर दे दीजिए । अगर कोई विशेष आवश्यकता हो तो आप रजिस्ट्रेशन के समय ही लिख दीजिए, वहां आपको विकल्प मिलेगा ।



यज्ञ में योगदान कैसे करें?


सदगुरुदेव महाराज की कृपा से इस यज्ञ की व्यवस्था करने में सक्षम सभी गुरु - भाई बहन एक साथ आ चुके हैं । फिर भी बहुत से गुरु भाई - बहनों ने इस यज्ञ में योगदान की इच्छा जतायी है, तो आप सबका भी स्वागत है । सबको इसका फल मिले और सभी इस यज्ञ से प्राप्त पुण्य के भागी बनें, इसलिए यज्ञ में आने वाले योगदान को यज्ञ में ही प्रयोग किया जाएगा ।


अगर आप किसी भी प्रकार से योगदान करना चाहते हैं तो आप इस लिंक के माध्यम से कर सकते हैं ।


अगर आप कोई सामग्री विशेष को लेकर योगदान करना चाहते हैं तो आप ऊपर दी हुयी लिंक के माध्यम से योगदान करते समय लिख दीजिए । उस धनराशि का इस्तेमाल उसी कार्य में किया जाएगा । अगर आप सामग्री विशेष अपने साथ लेकर आना चाहते हैं तो आप ऐसा कर सकते हैं ।


यज्ञ में प्रयुक्त होने वाली सामग्री का विवरण -

हवन सामग्री (शांतिकुंज)

50 किलो

कमलगट्टा

15 किलो

देशी घी (गाय)

20 किलो

मिश्री

5 किलो

गुड़

5 किलो

गुड़ पाउडर

5 किलो

काले तिल

10 किलो

शक्कर

5 किलो

इलायची

250 ग्राम

लौंग

250 ग्राम

काली मिर्च (साबुत)

500 ग्राम

चीड़ की लकड़ी

20 किलो

कमलगट्टे की माला

25

काली सरसों

10 किलो

पीली सरसों

10 किलो

हरे नींबू (छोटे वाले)

400 या 12 किलो

लाल मिर्च (साबुत)

5 किलो

बादाम

500 ग्राम

काजू

500 ग्राम

कागफल

1 किलो

यज्ञ में और भी लगभग 50 - 60 प्रकार की सामग्री ऐसी होगी जिसका इंतजाम स्थानीय स्तर पर करना ही उचित रहता है । यहां पर जो सामग्री बतायी गयी है वह आप अपने साथ ला सकते हैं या उसमें योगदान कर सकते हैं ।


यज्ञ में किन मंत्रों का प्रयोग होगा?


यज्ञ में मूल रूप से गुरु मंत्र से ही आहुति दी जाएंगी । हालांकि मूल गुरु मंत्र के अतिरिक्त भी सदगुरुदेव प्रदत्त विभिन्न बीज मंत्रों के साथ गुरु मंत्र से आहुति दी जाएंगी, इनमें मुख्य रुप से क्रीं, क्लीं, ह्रीं बीज युक्त गुरु मंत्र से आहुतियां देना सुनिश्चित किया गया है । प्रयास यही रहेगा कि प्रत्येक मंत्र को कम से कम 2 से 3 घंटे का समय मिल सके ।


माता महालक्ष्मी, माता बगलामुखी और महाशांति विधान से संबंधित मंत्रों के लिए भी विशेष लक्ष्य निर्धारित किया गया है । इसके अलावा इस बार अप्सरा और यक्षिणी मंत्रों के लिए भी विशेष समय निर्धारित किया गया है ।


अब आप स्वयं ही सोच लीजिए कि क्या इस प्रकार के दिव्य यज्ञ में भाग लेने का मौका छोड़ना उचित है?


मेरा तो सुझाव यही है कि अगर 100 काम छोड़कर भी इस दुर्लभ यज्ञ में भाग ले सकें तो भी बहुत सस्ता सौदा है । कौन जाने फिर इस तरह के यज्ञ में भाग लेने का अवसर कब मिल सकेगा । और, मिलेगा भी या नहीं, कौन जाने ।


यज्ञ में भाग लेने के नियम


कोई विशेष नियम नहीं है लेकिन कुछ अपेक्षायें हैं -

  1. अपनी धोती, गुरु चादर और आसन साथ लायें ।

  2. यज्ञ के दौरान शुचिता का ध्यान रखें । जैसे कि लघुशंका के बाद इंद्रिय प्रक्षालन (पानी से धोना), स्नान और आचमन के बाद ही यज्ञ में वापस बैठें। अगर (स्वास्थ्य कारणों से) नहाना संभव न हो तो कम से कम ठीक से हाथ, पैर, मुंह धोकर ही वापस आयें । शौच के बाद स्नान करना अनिवार्य रहेगा ।

  3. हम लोग यज्ञ के समय व्रत में रहेंगे तो फलाहार की व्यवस्था रहेगी और आशा की जाती है कि हम लोग व्यर्थ के कार्य - कलापों में स्वयं को व्यस्त नहीं करेंगे ।


सदगुरुदेव महाराज आप सभी का कल्याण करें ।


अस्तु ।


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