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सदगुरु कृपा विशेषांकः निखिलेश्वरानंद स्तवन

Updated: Aug 29, 2023

निखिलेश्वरानंद स्तवन


ब्रह्मांड की ध्वनियों से निर्मित इस स्तवन को आध्यात्म की पराकाष्ठा ही कहा जा सकता है । इस स्तवन के आगे समस्त जप, साधनायें, वृत, तीर्थ आदि गौण हैं । इस स्तवन के पाठ या श्रवण मात्र से असंभव से असंभव कार्य भी संपन्न किये जा सकते हैं ।


परम पूज्य सदगुरुदेव परमहंस श्री निखिलेश्वरानंद जी की प्रेरणा और उन्ही की आज्ञा से आज आपको यह स्तवन सौंप रहा हूं । इसके बारे में कुछ भी कहना सूर्य को दीपक दिखाने के समान है और इसके विषय में जानना ही है तो, गुरु मुख से ही सुनना ज्यादा श्रेय़स्कर है । इसलिए आपको यहां उसकी यूट्यूब की लिंक दी जा रही है जिसमें सदगुरुदेव ने अत्यंत करुणामय होकर इस स्तवन के बारे में बताया है, इसका महत्व बताया है ।



(सदगुरुदेव के श्रीमुख से निखिलेश्वरानंद स्तवन महात्म्य का वर्णन)

 

 

निखिलेश्वरानंद स्तवन की मूल रिकॉर्डिंग 2 भागों में उपलब्ध है; गुरुधाम से आप उसकी कैसेट प्राप्त कर सकते हैं और, आपको इसे मूल कैसेट से ही सुनना चाहिए ।


हालांकि सदगुरुदेव के शिष्य पूरे विश्व में हैं और जरूरी नहीं कि सब तक कैसेट उपलब्ध हो ही सके । इसीलिए, इस स्तवन को यूट्यूब पर अपलोड़ करके, सभी लोगों के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि, इस स्तवन तक उन लोगों की भी पहुंच हो सके जिनको किसी कारणवश मूल कैसेट प्राप्त नहीं हो पायी है ।


निखिलेश्वरानंद स्तवन - भाग १



निखिलेश्वरानंद स्तवन-भाग २



अच्छा तो यह रहता है कि हम इस स्तवन को रिकॉर्डिंग के माध्यम से सुनें और आत्मसात करने का प्रयास करें । जब आपको इस स्तवन की लय समझ आने लगे तब आप पुस्तक के माध्यम से पाठ कर सकते हैं । इस स्तवन का पाठ स्वयं में साधनात्मक धरातल पर श्रेष्ठतम साधना है। निखिलेश्वरानंद स्तवन की पुस्तक की PDF file आप यहां से डाउनलोड़ कर सकते हैं -


निखिलेश्वरानंद स्तवन (पुस्तक)


वैसे तो इस स्तवन के बारे में कुछ भी कहना सूर्य को दीपक दिखाने के समान ही है लेकिन, कुछ बातें हैं जिनसे अन्य साधक प्रेरणा ले सकते हैं -


जो लोग अविवाहित हैं और किसी कारणवश विवाह नहीं हो पा रहा है तो इस स्तवन के साथ चैतन्य संस्कार मंत्रों को सुनने से विवाह का योग बनने लग जाता है ।


इसी प्रकार अगर इसी प्रयोग को विवाहित लोग करें तो संतान प्राप्ति की इच्छा भी पूरी हो सकती है ।


अगर आप किसी समस्या में फंस गये हैं और किसी भी प्रकार से रास्ता नहीं सूझ रहा है तो चैतन्य संस्कार मंत्रों के साथ नित्य प्रति निखिलेश्वरानंद स्तवन का पाठ करना चाहिए ।


अगर हम ऐसा करते हैं तो इस चराचर जगत और ब्रह्मांड में ऐसा कोई कार्य नहीं है जो इस के पाठ मात्र से संभव न हो सके । आवश्यकता है तो केवल अपने गुरु के प्रति अटूट श्रद्धा, विश्वास और प्रेम की । अगर पाठ करते समय आंखों से अश्रु प्रवाहित होने लगें तो होने दीजिए, रोकिये मत । मन से जब तक अहंकार, अश्रद्धा, निराशा, नकारात्मकता इत्यादि अश्रु रुप में नहीं निकल जाएंगे, मन और तन कभी भी निर्मल नहीं हो सकता । और, जब तक ये मन और शरीर निर्मल नहीं हो सकता, तब तक गुरु आयेंगे भी तो विराजेंगे कहां । ह्रदय में तो इतना बोझ लेकर बैठते हैं हम, तो गुरु को स्थान कहां मिलेगा । इसलिए अगर कुछ चाहिए तो पहले गुरु को ह्रदय में विराजने लायक स्थान बना लीजिए ।


इस कार्य में चैतन्य संस्कार मंत्र बहुत मदद करते हैं । जब भी हम चैतन्य संस्कार मंत्र सुनते हैं तो हमारे शरीर के रोम - रोम से नकारात्मकता बहुत दूर भाग जाती है । शरीर तो निर्मल होता ही है, मन भी बहुत शांत और निर्मल हो जाता है ।


अगर आप तीनों रिकॉर्डिंग को एक साथ सुनना चाहते हैं तो आप उसे यहां से डाउनलोड़ कर सकते हैं ।


आप सभी को जीवन में सदगुरुदेव का पूर्ण आशीर्वाद मिले, उनकी कृपा प्राप्त हो और जीवन की विषम परिस्थितियों से निकलने का मार्ग भी प्राप्त हो, ऐसी ही शुभेच्छा है ।


अस्तु ।

 

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