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शक्ति प्रवाह, साधना और सिद्धि – ३

Updated: Aug 7

संकल्प सिद्धि और मन पर नियंत्रण


हम सबने अपने साधना काल के लंबे समय में संकल्प सिद्धि के बारे में अवश्य सुना है । सदगुरुदेव ने भी कई बार इसका उल्लेख किया है कि विज्ञान किसी विचार को साबित करने में कई वर्ष अवश्य लेता है लेकिन उसको मूर्त रुप में प्रकट अवश्य कर देता है, फिर चाहे उस कल्पना को हकीकत में बदलने में १०० वर्ष ही क्यूं न लग जायें । यही जीवन का संघर्ष भी है, ज्ञान प्राप्ति की चाह है और उस ज्ञान की प्राप्ति के लिए बहुत से वैज्ञानिकों के बलिदान की कहानी भी है ।


लेकिन अध्यात्म का विज्ञान एक अलग ही प्रकार से कार्य करता है । यहां पर एक तपस्वी अपनी कल्पना को अपनी साधनात्मक शक्ति से युक्त करके क्षण भर में ही मूर्त रुप प्रदान कर सकता है ।


आप सोच रहे होंगे कि साधना तो आप भी करते हैं तो क्या ऐसा आपके लिए भी संभव हो सकता है?

तो, इस प्रश्न का उत्तर हां और ना दोनों में ही रहेगा ।


संकल्प सिद्धि बहुत हद तक इस बात पर निर्भर करती है कि आपका अपने गुरु पर कितना विश्वास है, और अपनी साधना पर कितना विश्वास है । अगर विश्वास में कोई कमी नहीं है तो आपका संकल्प किया हुआ कार्य सिद्ध अवश्य होगा । समय कम या ज्यादा लग सकता है, उसके बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है लेकिन, कार्य पूर्ण अवश्य होगा ।


और विश्वास का आधार है समर्पण । अगर आपने अपना समर्पण अपने गुरु के चरणों में कर दिया है तो विश्वास तो खुद ही हो जाता है ।


मैंने बहुत से गुरु भाइयों को कहते सुना है कि उनको साधना में सफलता नहीं मिल पा रही है । मन तो बहुत करता है कि उनकी मदद करुं लेकिन, कैसे? जिनको अपने गुरु के प्रति मन में संशय रहता हो, साधना के मंत्र के प्रति संशय रहता हो, जो विधि - विधान, यंत्र, उपकरण इत्यादि के ही चक्कर में पड़े रहते है, उनकी मदद मैं तो क्या कोई भी नहीं कर सकेगा ।


मैं जो भी लेख यहां लिखता हूं, उसमें साधनात्मक ज्ञान बहुत ही कम होता है । ज्यादातर समय मैं यही बात समझाने की कोशिश करता हूं कि एक साधक की भावभूमि कैसी हो सकती है । हमारा चिंतन कैसा होना चाहिए, किस प्रकार से हम अपने अंदर की नकारात्मकता को बाहर निकाल सकते हैं और किस प्रकार से हम अपने ह्रदय स्थल को इतना पवित्र और सहज बना सकें कि वहां सदगुरुदेव को विराजने में क्षण भर का समय न लगे । आप पढ़ लीजिए सभी लेखों को, सिर्फ इसी बात को अलग - अलग तरीके से समझाने का प्रयास किया है मैंने ।

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