ग्रहण काल की एक अद्भुत साधना
चाहे सूर्य ग्रहण का समय हो अथवा चंद्र ग्रहण का, इस समय पर की हुयी साधना अत्यंत फलदायी सिद्ध होती है । वरिष्ठ गुरुभाई द्वारा प्रदान की गयी इस साधना का असर आप स्वयं साधना करके ही अनुभव कर सकते हैं ।
इस मंत्र को ग्रहण काल में मात्र 108 बार जप कर के सिद्ध कर लिया जाता है और, जब भी कोई व्यापार आदि करना हो तो इसका 108 बार जप कर काम पर जाएं तो, व्यापार आदि में इजाफा होता है । लक्ष्मी प्राप्ति के अनेक साधन बनते हैं । अगर बेरोजगार हैं तो भी सिद्ध करें और 108 बार 11 दिन जपें । गुरु कृपा से अच्छे रोजगार की प्राप्ति हो जाती है ।
अगर घर में कोई न कोई कमी रहती है या घर की प्रगति रुकी हुई है, कर्ज सिर पर चढ़ गया है, कोई आमदनी का साधन नजर नहीं आता तो भी इसका जप कर सिद्ध करें और, सफ़ेद रंग का दूध का बना प्रसाद बच्चों में बांटे, बहुत लाभ मिलेगा ।
मंत्र आसान है, इसका जप 11 दिन 108 बार हर रोज जपने से सिद्ध हो जाता है और ग्रहण आदि में 108 बार जपने से ही सिद्ध हो जाता है । इस से रोजगार के अनेक साधन स्वतः मिल जाते हैं । बस श्रद्धा से गुरु पूजन करें और गणेश जी को स्मरण कर सामान्य लक्ष्मी पूजन करें और, 108 बार जप करें ।
दिशा पश्चिम रहेगी और आसन पीला । वस्त्र सफ़ेद । अगर इसे नदी पर कर रहे हो तो इसका जप पानी में खड़े हो करके 108 बार करें । उसमें वस्त्र कोई भी पहन लें और जप समाप्ति पे एक फूल लेकर लक्ष्मी का नाम लेकर नदी में बहा दें और घर आ कर बच्चो में प्रसाद बाँट दे ।
।। मंत्र ।।
।। ॐ ह्रीं श्रीं श्रीं श्रीं श्रीं श्रीं श्रीं श्रीं लक्ष्मी मम ग्रहम धनपूर चिंता दूर दूर स्वाहा ।।
आप सबके जीवन में महालक्ष्मी अपने संपूर्ण वैभव के साथ आयें, ऐसी ही प्रार्थना सदगुरुदेव से है ।
अस्तु ।
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