यंत्र विशेषांकः जन्म कुंडली के भावों का शोधन - भाग 1
- Rajeev Sharma
- Dec 4, 2024
- 5 min read
Updated: Aug 5
जन्म चक्र सिद्धि यंत्र
वरिष्ठ गुरुभाईयों का आशीर्वाद और उनके द्वारा प्रदत्त ज्ञान का कोई मोल नहीं हो सकता है और, न ही उसका मोल जीवन में कभी चुकाया ही जा सकता है 🌹🙏
अगर कुछ करने की इच्छा भी हो तो उनके इस प्रेम को अपने अंतर में ही अनुभव करना चाहिए । यही गुरुभाईयों के लिए सच्ची श्रृद्धांजलि है और यही वास्तव में गुरु - शिष्य परंपरा है । ये देखना भी एक सुखद आश्चर्य ही रहता है कि गुरु सत्ता किस प्रकार से अपने शिष्यों के हित के लिए किसी भी रूप में हमारे सामने आ खड़ी होती है, आवश्यकता के समय हमको ज्ञान प्रदान करती है, हमारी शंकाओं का निवारण करती है और हमें एक दिव्य स्थिरता देकर, वापस शून्य में लीन हो जाती है ।
आज जिस यंत्र की चर्चा यहां पर हो रही है, उसको जन्म चक्र सिद्धि यंत्र कहते हैं । मुझे ये यंत्र अपने वरिष्ठ गुरु भाई से प्राप्त हुआ था, साधना तो भले ही मैंने इस पर केवल मात्र एक ही बार संपन्न की थी लेकिन वास्तविकता में इसकी उपस्थिति मात्र से व्यक्ति को यह कला आ जाती है कि अपनी जन्म कुंडली के भावों का शोधन व्यावहारिक रूप से किस प्रकार से किया जाता है । हालांकि इसमें समय लगता है कि और इसके भी मूल में गुरु कृपा ही रहती है । मुझे अच्छी तरह से याद है कि इस यंत्र को प्राप्त करने के बाद भी कम से कम 5 वर्ष का समय मुझे लगा था इसकी शक्ति को आत्मसात करने के लिए ।
